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3 जुलाई दुनियाभर में इंटरनेशनल प्लास्टिग बैग फ्री डे के रूप में मनाया जायेगा

सत्यखबर दिल्ली (संदीप चौधरी) – दुनियाभर में इंटरनेशनल प्लास्टिग बैग फ्री डे के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए जागरूकता दिवस के रूप में मनाया जाता है और बताया जाता है कि प्लास्टिक के अलावा और भी विकल्प हैं जो पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाते।

जानकारी के मुताबिक पृथ्वी पर हर साल करीब एक ट्रिलियन प्लास्टिक बैग्स की खपत होती है। 1 से 2 मिलियन प्रति मिनट प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जा रहा है जोकि पर्यावरण को प्रदूषित करता है। साथ ही पृथ्वी पर मौजूद छोटे जीवों को भी नुकसान पहुंचाता है। दुनियाभर में हर मिनट एक मिलियन प्लास्टिक का इस्तेमाल होता है। करीब 80 प्रतिशत समुद्री कूड़ा प्लास्टिक है।

प्लास्टिक के इस्तेमाल से खतरा
प्लास्टिक परमानेंट है. इसे तोड़ने में सालों लगते हैं उसके बावजूद प्लास्टिक छोटे-छोटे कणों में ही टूटता है। प्लास्टिक कागज या कॉटन की तरह पूरी तरह से विघटित होकर मिट्टी नहीं बनता। प्लास्टिक के टूटने से ये छोटे-छोटे कणों में बदल जाता है या फिर इससे माइक्रो प्लास्टिक बन जाते हैं जो तेजी से स्वास्थ्य और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं। हर साल लगभग 13 मिलियन टन प्लास्टिक समुद्र में बहाया जा रहा है। कुछ प्लास्टिक कैंसर और अन्य स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने वाले कैमिकल्स पानी में छोड़ते हैं, जिससे न सिर्फ जल प्रदूषित होता है बल्कि पानी में मौजूद जीव और अन्य जानवर भी प्रभावित होते हैं। मछली, कछुए और समुद्री पक्षी प्लास्टिक के मलबे से प्रभावित सबसे बड़े समूह हैं। प्लास्टिक के कचरे का सेवन करने से हर साल लगभग 100 मिलियन समुद्री जीवों की मौत होती है। पानी में मौजूद जीव प्लास्टिक खाते हैं, जिसे उनका शरीर पचा नहीं पाता और ये प्लास्टिक उनके पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचाता है, जिससे उनकी मौत हो जाती है।

जमीन पर प्लास्टिक बैग के हानिकारक प्रभाव
प्लास्टिक शॉपिंग बैग भूमि प्रदूषण का एक बड़ा कारण है। थैलियों को एक बार इस्तेमाल करते हवा में उड़ा दिया जाता है। कई बार ये थैले पेड़ों में या नालियों में अटक जाते हैं। उसके बाद यही प्लास्टिक नालियों के जरिए नदियों और फिर समुद्र में जाता है, जिससे समुद्र का पानी प्रदूषित होता है।

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प्लास्टिक शॉपिंग बैग के उपयोग को कैसे कम करें
खुद को शिक्षित करें कि प्लास्टिक की थैलियां दुनिया को कैसे प्रभावित करती हैं। प्लास्टिक शॉपिंग बैग दुनियाभर में बड़ी पर्यावरणीय समस्या है और बड़े स्तर पर मानव और पशु स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। खुद के साथ-साथ अपने दोस्तों, परिवार, पड़ोसियों, रिश्तेदारों और बच्चों को भी प्लास्टिक इस्तेमाल करने के नुकसान के बारे में शिक्षित करें ताकि प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम किया जा सके.यही नहीं रियूज प्लास्टिक शॉपिंग बैग्स को इस्तेमाल करना भी एक अच्छा और बड़ा कदम है। रियूज बैग्स कई रंगो में उपलब्ध हैं। अगर आपके पास घर पर प्लास्टिक की थैलियां हैं तो उन्हें दोबारा इस्तेमाल करें क्योंकि प्लास्टिक को रिसाइकिल करना मुश्किल है। इसके अलावा एक हफ्ते में आप घर में कितने प्लास्टिक बैग्स लाते हैं उनकी गिनती कीजिए, क्योंकि जब हम बैग्स की गिनती करेंगे तो ये हमें प्लास्टिक के कम इस्तेमाल के लिए प्रेरित करेगा। जब आप शॉपिंग के लिए जाते हैं तो चेकिंग काउंटर पर प्लास्टिक बैग्स लेने से इनकार करें और कैशियर को भी याद दिलाएं की वो प्लास्टिक की बजाए कपड़े या कागज के थैले का इस्तेमाल करें।

प्लास्टिक बैग्स की बजाय ये इस्तेमाल करें
कैनवस बैग्स (कपड़े का बैग)इको फ्रेंडली बैग्स (जो प्राकृतिक और वेजिटेबल वेस्ट से बनाए गए हों) जूट बैग्सरियूजेबल बैग्स प्लास्टिक बैग्स को दुनिया के कई देशों ने बैन किया है।

केन्या
साल 2017 में केन्या ने प्लास्टिक की थैलियों पर प्रतिबंध लगाया था जो डिस्ट्रिब्यूटर्स और सिंगल यूज बैग निर्माता पर भी लागू हुआ। कानून का उल्लंघन करने और प्लास्टिक के इस्तेमाल करने पर चार साल की सजा और प्लास्टिक की बिक्री के लिए 40 हजार रुपये के जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है।

चिली, साउथ अमेरिका
चिली में भी नेशनल लॉ पास किया गया, लेकिन इस लॉ के मुताबिक प्लास्टिक के इस्तेमाल पर सिर्फ तटीय शहरों में रोक लगाई गई। इस कानून से चिली के बड़े महानगर और फेमस वेकेशन डेस्टिनेशन समेत करीब 230 शहर प्रभावित हुए, जोकि एक बड़ी उपलब्धि थी। चिली ने वेकेशन के समय जब तटीय क्षेत्रों पर सबसे ज्यादा प्लास्टिक का कचरा इकट्ठा होता है, 300 अमेरीकी डॉलर का जुर्माना भी लगाया। चिली विधानमंडल इस बिल को 2017 के अंत में इस लक्ष्य के साथ पास किया कि इसे अक्टूबर 2018 तक लागू कर दिया जाएगा। प्लास्टिक प्रदूषण के प्रभावों पर जागरूकता फैलाने के बाद चिली में प्लास्टिक से होने वाले जल और वायु प्रदूषण में कमी आई।

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यूके
यूके में अक्टूबर 2015 तक स्टोर्स ने हर सिंगल यूज प्लास्टिक बैग पर पांच पेंस (यूके करंसी) चार्ज करना शुरू किया। यानी कस्टमर्स अगर सामान लेने के लिए रियूज बैग ले जाएंगे तो वे इस शुल्क से बच सकते थे। ये चार्ज हर उस व्यवसाय पर लागू किया गया, जिसमें 250 से ज्यादा कर्मचारी हैं। अधिकारियों के मुताबिक बैग चार्ज लागू करने से यूके में 80 प्रतिशत प्लास्टिक बैग की खपत घट गई। यूके सरकार के मुताबिक प्लास्टिक बैग्स के इस्तेमाल पर बैन लगाने से कूड़े की सफाई में इस्तेमाल होने वाले 60 मिलियन पाउंड और कार्बन बचत में 13 मिलियन पाउंड की बचत होगी।

ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलियाई राजधानी क्षेत्र ने साल 2011 में हर तरह के प्लास्टिक बैग्स के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया था। सरकार ने देश के नागरिकों को शॉपिंग के लिए रियूज बैग्स ले जाने के लिए प्रेरित किया ताकि पर्यावरण के प्रदूषण को कम किया जा सके। ऑस्ट्रेलिया में बैन से पहले लैंडफिल में नष्ट करने के लिए भेजे गए एक तिहाई कचरे को छोड़कर ये प्रतिबंध काफी देशभर में काफी सफल रहा। सरकार का ये तरीका ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों के बीच इतना लोकप्रिय हुआ कि लोग बैन से असुविधा महसूस करने की बजाय इसका समर्थन करने लगे। एसीटी द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार करीब 70 प्रतिशत लोग बैन हटाने या रद्द करने का समर्थन नहीं करते।

चाइना
चीनी सरकार ने भी प्लास्टिक वितरण और सिंगल यूज बैग्स पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। अवैध प्लास्टिक बैग्स वितरण पर 10 हजार युआन (1, 593 अमेरीकी डॉलर) का जुर्माना लगाया जाता है। सरकार के बैन लगाने के बाद NRDC यानी ‘द नेचुरल रिसोर्स डिफेंस काउंसिल’ का अनुमान है कि चीन में प्लास्टिक के इस्तेमाल में 66 प्रतिशत कमी देखी गई है।

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